अरुणाबेन परमार
राज्य : गुजरात
जिला: वडोदरा
ब्लॉक: पडरा
गाँव : ब्राह्मणवासी
स्वयं सहायता समूह: जय गणेश सखी मंडल स्वयं सहायता समूह
आजीविका गतिविधियाँ : बी.सी. सखी, डेयरी /यूनिट
लखपति दीदी की यात्रा
अरुणा की उल्लेखनीय यात्रा स्वयं सहायता समूह में शामिल होने के उनके निर्णय के साथ शुरू हुई, जहां उन्होंने बहुमूल्य तकनीकी ज्ञान प्राप्त किया।
स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद अरुणा को स्वयं सहायता समूह को संभालने और चलाने का हुनर आ गया और उन्हें बी.सी. के पद पर नियुक्त किया गया जहां उन्होंने अपनी शाखा से संबंधित स्वयं सहायता समूह से संबंधित सभी तरह के काम किए। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) से जुड़ने के साथ ही उनकी यात्रा ने एक परिवर्तनकारी मोड़ लिया, जिससे उन्हें अपना पशुपालन स्थापित करने के लिए 1.5 लाख रुपये का ऋण मिला। इस उद्यमशीलता के प्रयास ने न केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया बल्कि एक व्यवसायी के रूप में उनके कौशल को भी निखारा। अपने उद्यमों का विस्तार करते हुए अरुणा ने कृषि और पशुपालन में कदम रखा, जिससे उनकी मासिक आय में योगदान होने लगा। अपने पैतृक गांव में पशु, लेकिन उन्होंने अन्य किसानों को बत्तख के बच्चे की आपूर्ति करके स्थानीय कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अनीता की सफलता की कहानी स्वयं सहायता समूहों और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) द्वारा सुगम सशक्तिकरण का प्रमाण है।