बी. रजनी
राज्य : तेलंगाना
जिला : मुलुगु
ब्लॉक: एतुरूनगरम
गाँव : कमलापुर
स्वयं सहायता समूह: ओम साईं स्वयं सहायता समूह
आजीविका गतिविधियाँ : ईंटें बनाना
लखपति दीदी की यात्रा
बी. रजनी अपने परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण संघर्ष और आर्थिक तंगी का जीवन जी रही थी। उनके पति एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करते थे, और उस आमदनी से वह अपने बच्चों को बेहतर जीवन देना तो दूर बल्कि रोजमर्रा की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाते थे । बी. रजनी ने अपनी किस्मत बदलने और अपने परिवार का समर्थन करने के लिए एक उद्यमी बनने का दृढ़ संकल्प किया।
बी. रजनी, ओम साईं स्वयं सहायता समूह में शामिल हो गईं, लेकिन पैसों की कमी के कारण अपना खुद का व्यवसाय शुरू नहीं कर पा रहीं थीं। एक दिन, उन्होंने एक ग्राम संगठन (वी.ओ.) की बैठक में भाग लिया, जहाँ उन्हें एस.ई.आर.पी. परियोजना की गैर-कृषि प्रचार गतिविधियों के बारे में पता चला। वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करने वाली इस परियोजना के बारे में जान कर काफी खुश थीं और इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए उन्होंने सी.आर.पी.-ई.पी. और संरक्षक से संपर्क किया।
उन्होंने इस परियोजना की मदद से ईंट और छल्ले बनाने के व्यापार में प्रवेश किया किया। उन्होंने अपनी दैनिक बिक्री बढ़ाकर 450 रुपये कर ली। अब ज़्यादा दिन काम करके उनका कारोबार 3,750 रुपये प्रति महीने से बढ़कर 12,600 रुपये प्रति महीने हो गया।
उन्होंने खुद को एक दिहाड़ी मजदूर से एक सफल उद्यमी में बदल लिया और अपने परिवार को बेहतर जीवन प्रदान किया। उनका उदाहरण दूसरों के लिए एक मार्गदर्शन सा है, जो गरीबी से मुक्त होना चाहते हैं और उद्यमिता के माध्यम से जीवन में आर्थिक मजबूती लाना चाहते हैं।