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राज्य : छत्तीसगढ़

जिला : राजनंदगाँव

ब्लॉक: दोनगरगाँव

गाँव : कोनारी

स्वयं सहायता समूह: संध्या महिला एस.एच.जी.

आजीविका गतिविधियाँ : ई-रिक्शा चालक

लखपति दीदी की यात्रा

दुलेश्वरी देवांगन एक छोटी सी दुकान चलाती थीं जो उनके परिवार के भरण-पोषण के लिए पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने स्वयं सहायता समूह (एस.एच.जी.) में शामिल होकर एक परिवर्तनकारी कदम उठाया। ई-बुक कीपर के रूप में, उन्होंने अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए सक्रिय रूप से आजीविका के अवसरों की तलाश की। अथक प्रयासों और आजीविका प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी के माध्यम से, दुलेश्वरी ने ई-रिक्शा योजना से 50,000 रुपए का ऋण प्राप्त किया। 

इस वित्तीय प्रोत्साहन ने न केवल उसके आय के स्रोतों को बढ़ाया, बल्कि उसको आत्मविश्वास और नई दिशा प्रदान की। दुलेश्वरी की यात्रा, उद्यमिता के लिए प्रोत्साहन का प्रतीक बन गई, जिससे उन्हें समाज में पहचान मिली। वर्तमान में, वह प्रति माह 12,000 रु. से 15,000 रु. तक की स्थायी आजीविका का लाभ ले रही हैं। दुलेश्वरी की कहानी स्थायी आजीविका को बढ़ावा देने में स्वयं सहायता समूहों, प्रशिक्षण पहल और उद्यमशीलता प्रयासों की परिवर्तनकारी शक्ति का उदाहरण देती है।

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