गीता लोधी
जिला: शाहडोल
ब्लॉक: सोहागपुर
गाँव : जामुई
स्वयं सहायता समूह : साईं स्वयं सहायता समूह
आजीविका गतिविधियाँ : मचान और शटरिंग उपकरण और टेलरिंग
लखपती दीदी की यात्रा
श्रीमती गीता लोधी, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह के वित्तीय सहयोग से, साहूकारों के चंगुल से मुक्त होकर अपना स्वयं का व्यवसाय स्थापित करने में सफल रहीं और अंततः समाज की मुख्यधारा का अभिन्न अंग बन गईं।
गीता, साईं स्व-सहायता समूह से जुड़ीं और मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार समूह का प्रबंधन करने लगीं। उन्होंने अपने गांव में आजीविका मिशन के प्रेरकों के मार्गदर्शन में ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आर.एस.ई.टी.आई.) योजना के तहत प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के बाद, वह एक कुशल दर्जी बन गईं। उन्हें रिवॉल्विंग फंड के रूप में 15,000 रुपये, सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 60,000 रुपये और बैंक से एक लाख रुपये मिले। उन्होंने इस ऋण का उपयोग मचान और शटरिंग उपकरण और अपने चिनाई के काम के लिए औजार खरीदने के लिए किया।
धीरे-धीरे उन्होंने पहले लिया हुआ सारा कर्ज चुका दिया और बाद में गीता ने 50,000 रुपये का और कर्ज लिया। परिवार की आय में न केवल सुधार हुआ, बल्कि उन्हें बुनियादी जरूरतों के लिए गिरवी रखी गई खेती की जमीन भी वापस मिल गई।
उनकी कहानी हमें सिखाती है कि हालांकि कोई नहीं जानता कि जीवन की परिस्थितियाँ कब बदल जाएँगी, लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि हम प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कैसे करते हैं। वह अब एक सफल उद्यमी हैं और अपने गाँव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी हैं।