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राज्य : मध्य प्रदेश

जिला: सीहोर

ब्लॉक: अश्ता  

गाँव : ख़ादियात

स्वयं सहायता समूह: ख़ुशी स्वयं सहायता समूह (अध्यक्ष)  

आजीविका गतिविधियाँ : सिलाई, मास्टर ट्रेनर, बैंक सखी

लखपति दीदी की यात्रा

गिरिजा प्रजापति की कहानी दृढ़ता और परिवर्तन की कहानी है। एक गरीब पिछड़ी जाति के परिवार में जन्मी गिरिजा की शिक्षा का सफर आर्थिक तंगी के कारण रुक गया। 

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में शामिल होना गिरिजा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उन्होंने कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन (सी.आर.पी.) के रूप में काम करना शुरू किया, डोधी और खड़ीयात के गांवों में 40 स्वयं सहायता समूह बनाए। उन्होंने कृषि, पशुपालन, बहीखाता, सामाजिक लामबंदी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, खड़ीयात में एक बैंक सखी के रूप में, उन्होंने बैंकिंग लेनदेन का प्रबंधन किया, जिससे उनकी आजीविका को और बढ़ावा मिला।

आज गिरिजा सिलाई, मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण और बैंक सखी के रूप में 12,000 रुपये प्रति माह से अधिक कमाती हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय आजीविका मिशन को देती हैं और गरीब परिवारों को गरीबी से उबारने के लिए तत्पर हैं। 

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