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राज्य : मिजोरम

जिला : सेरच्चिप

ब्लॉक सेरच्चिप ब्लॉक

गाँव साईलुलक

आजीविका गतिविधियाँ : मिथुन पालन

लखपति दीदी की यात्रा

आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में लालरामनघकी की यात्रा तब शुरू हुई जब वह लैमट्लुआंग एस.एच.जी. में शामिल हुईं, जो उनके जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत थी। 23 मिथुनों की मालिकन होने के बावजूद उनके लिए आश्रय उपलब्ध कराने एक चुनौती भरा काम था। इस बाधा को मिटाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर, उन्होंने 50,000 रु. का सी.आई.एफ. ऋण लेकर अपने मिथुनों को बढ़ा लिया। स्थानीय भाषा में मिथुन पालन-पोषण को "सियाल वुल्ह" के रूप में जाना जाता है जो लालरामनघकी के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक व्यवहार्य मार्ग के रूप में उभरा। 

उनकी सफलता ने न केवल उन पर सीधा प्रभाव डाला, बल्कि उनके परिवार पर भी सकारात्मक असर हुआ। वर्तमान में, उनकी मासिक आय 25,000 रुपए है, जो आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में उनके दृढ़ संकल्प और सही ढंग से लिए गए आर्थिक निर्णयों के ठोस परिणामों को दर्शाती है।

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