कल्पना घोष
राज्य : छत्तीसगढ़
जिला : सारगुजा
ब्लॉक: अंबिकापुर
गाँव : चथिरमा
आजीविका गतिविधियाँ : डेयरी उद्यमिता
लखपति दीदी की यात्रा
छत्तीसगढ़ के चथिरमा ब्लॉक अंबिकापुर में रहने वाली कल्पना घोष का जीवन सी.जी.एस.आर.एल.एम. द्वारा समर्थित डेयरी व्यवसाय के माध्यम से बदल गया। एक गृहिणी से एक सफल उद्यमी बनने तक की उनकी यात्रा प्रेरणादायक है। कल्पना ने गृह निर्माण कौशल का सही इस्तेमाल करके अपने घर को बनाने में सफलता प्राप्त की है, जिससे वह एक सशक्त महिला बनी हैं। पशुपालन का चयन उनकी सजगता और उनके अच्छे निर्णय को दर्शाता है।
अपने स्वयं सहायता समूह (एस.एच.जी.) से ऋण लेकर उन्होंने अपना पहला मवेशी खरीदकर एक शुरुआती सफलता हासिल की, जिसने उन्हें और उनके समूह को उत्साहित किया। उनकी महत्वाकांक्षा और अपने व्यापार के विस्तार की इच्छा ने उन्हें बिहान के अधिकारियों के सामने आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। एसआरएलएम का समर्थन उनके लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी साबित हुआ, जिससे उन्होंने अपने स्वयं सहायता समूह से ऋण प्राप्त करके 15 जर्सी मवेशी खरीदने में सफलता प्राप्त की।
इस ऋण ने उनको आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की। प्रतिदिन 75 लीटर दूध बेचकर उन्होंने कम समय में अपना कर्ज चुका दिया। अब 30 जर्सी डेयरी मवेशियों की मालकिन होकर प्रतिदिन 225 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं। वह न केवल अपने गांव बल्कि अंबिकापुर के होटलों में भी दूध की आपूर्ति करा रही हैं।
सभी खर्चों के बाद कल्पना की मासिक आमदनी 40,000 से 50,000 रुपये है। वह उत्पादन बढ़ाने और अपने गांव में दूसरों को भी प्रेरित करने की इच्छा रखती हैं। उनकी यात्रा व्यक्तियों को सशक्त बनाने और ग्रामीण आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के दृढ़ संकल्प और कृषि उद्यमिता की शक्ति का प्रतीक है।