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राज्य : असम

जिला : नलबारी

ब्लॉक: तिहू

गाँव : बरजारस

स्वयं सहायता समूह: सोनाली स्वयं सहायता समूह

आजीविका गतिविधियाँ : वर्मीकम्पोस्ट

लखपति दीदी की यात्रा

पति की दुखद दुर्घटना के बाद उन्हें अपनी छोटी बेटी और खुद का भरण-पोषण करने में संघर्ष करना पड़ा। आर्थिक मजबूती न होने और जिम्मेदारियों के बोझ के कारण वह मायके तो लौट आई पर परिवार पर निर्भरता महसूस करने लगी ।

वह एक स्वयं सहायता समूह में शामिल हो गईं और विभिन्न छोटे पैमाने की कृषि गतिविधियों में लगी रहीं, लेकिन आय बहुत कम थी। सब कुछ तब बदल गया, जब उन्होंने नलबाड़ी कृषि विज्ञान केंद्र (के.वी.के.) द्वारा आयोजित वर्मी-कम्पोस्ट उत्पादन तकनीक पर एक प्रशिक्षण में भाग लिया। उन्होंने अपने घर पर उपलब्ध जैविक कचरे और गाय के गोबर का उपयोग करके वर्मी-कम्पोस्ट का उत्पादन शुरू किया। स्थानीय सामग्रियों से कम लागत वाले टैंक बनाए और के.वी.के. से शुरुआती समर्थन प्राप्त किया, जिसमें केंचुए और जिला कृषि कार्यालय से चार वर्मी-बेड शामिल थे।

उनका उद्यम तेजी से बढ़ा; 17 क्विंटल वर्मी-कम्पोस्ट का उत्पादन कर पहले वर्ष में 16,300 रुपये कमाने के बाद, उन्होंने अपने उत्पादन को काफी बढ़ा दिया। उन्होंने 150 क्विंटल वर्मी-कम्पोस्ट बेचा। उनका उत्पाद, 'जय वर्मी कम्पोस्ट', अब कई जिलों में बेचा जाता है और पहचान हासिल कर चुका है, जिससे वे असम में एक प्रसिद्ध उद्यमी बन गई हैं। अब उनकी मासिक आय लगभग 12,000 रुपये है।

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