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राज्य : अरुणाचल प्रदेश

जिला : सियांग

ब्लॉक: पंगिन

गाँव : रेबिंग

स्वयं सहायता समूह: बोमू स्वयं सहायता समूह

आजीविका गतिविधियाँ : संतरे का बाग और नर्सरी, बड़ी इलायची का खेत

लखपति दीदी की यात्रा

नतेंग तैबिंग की उल्लेखनीय यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने बोमू स्वयं सहायता समूह में शामिल होने का फैसला किया। इस समूह के माध्यम से उन्हें वित्तीय सहायता मिली और विभिन्न आजीविका गतिविधियों में बहुमूल्य तकनीकी ज्ञान प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ जुड़ने के बाद उनकी यात्रा में एक परिवर्तनकारी मोड़ आया, जिससे उन्हें केले का खेत स्थापित करने के लिए 50,000 रुपए के ऋण की मदद मिली। आज, वह केले बेचकर प्रति माह 12,000 रुपए कमाती हैं। उन्हें पंगिन ब्लॉक के तहत पहली और सबसे पुरानी आजीविका कैडर के रूप में भी पहचाना जाता है।

अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए, नटेंग ने सूअर पालन शुरू किया और अपनी खेती की गतिविधियों को बढ़ाकर बड़ी इलायची, किंग मिर्च और संतरे की नर्सरी को शामिल किया, जिससे उनकी मासिक आय में योगदान मिला। नतेंग की सफलता की कहानी स्वयं सहायता समूहों और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा सुगम बनाए गए सशक्तिकरण का प्रमाण है। उनकी 20,000 रुपए की मासिक आय उनके दृढ़ संकल्प और मेहनत के ठोस परिणामों को दर्शाती है।

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