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राज्य : अरुणाचल प्रदेश

जिला : निचली दिबांग घाटी

ब्लॉक: रोइंग

गाँव : जिया

स्वयं सहायता समूह: रूथ स्वयं सहायता समूह

आजीविका गतिविधियाँ : सूअर, मुर्गी पालन, मवेशी और वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन

लखपति दीदी की यात्रा

जिया गांव की प्रगतिशील किसान महिला ओकोली तायेंग रूथ स्वयं सहायता समूह की सदस्य रही हैं। समूह में शामिल होने के बाद, उन्हें वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण मिला, जिससे उन्होंने अपनी उद्यमशीलता को विकसित करने की यात्रा शुरू की। अकोली ने अपने स्वयं सहायता समूह से 60,000 रुपए के ऋण लेकर मुर्गियाँ पालना शुरू किया। इस व्यवसाय ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया और उन्होंने अपने व्यवसाय में मवेशी और सूअर पालन, और वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन को भी शामिल किया।

अपनी खेती के अलावा, ओकोली ने अपनी मासिक आय को बढ़ाने के लिए फलों का रस, अदरक की कैंडी और केले के चिप्स बनाने जैसी गैर-कृषि गतिविधियों में भी हाथ आजमाया। ओकोली अब मासिक तौर पर लगभग 30,000 रुपए कमा रही हैं और अपनी उपलब्धियों से खुश व संतुष्ट हैं। वे अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखने की योजना बना रही हैं।

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