पुतुल अहीर
राज्य : पश्चिम बंगाल
जिला : झारग्राम
ब्लॉक: बिनपुर I
गाँव : बंशबेर (बेलाटिकरी)
स्वयं सहायता समूह : पारसीपोहा महिला दल
आजीविका गतिविधियाँ : धान, दालें, मछली पालन, पशुधन पालन
लखपति दीदी की यात्रा
पुतुल अहीर एक साधारण व गरीब परिवार की गृहिणी थीं। लाखों अन्य ग्रामीण महिलाओं की तरह उनके पास परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए खेत मजदूर के रूप में काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अपने काम और कड़ी मेहनत के प्रति प्रतिबद्ध होते हुए भी ऐसी स्थिति में जीवन जीना नियति को स्वीकार होता, लेकिन यह उनकी नियति नहीं थी। उन्हें जैविक खेती के अभियान से प्रेरणा मिली और वे पारसीपोहा महिला दल स्वयं सहायता समूह से जुड़ गईं।
आजीविका गतिविधियों में निवेश की आवश्यकता पड़ने पर उन्होंने स्वयं सहायता समूह से ऋण लिया। उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया और जैविक कृषि और मछलीपालन का अभ्यास कर रही हैं।
उन्होंने लागत को कम करने के लिए जैविक उर्वरक का उपयोग करके धान और सब्जियों की खेती में सुधार के लिए प्रशिक्षण में भाग लिया। जिसके परिणामस्वरूप उनकी आय में वृद्धि हुई और उनके खर्चों में कमी आई। वह पुनर्योजी जैविक खेती-कृषि और मछलीपालन में तकनीकी रूप से निपुण हो गईं। वर्तमान में उनकी मासिक आय 10,000/- रूपये है। उनके दृढ़ संकल्प और समर्थन से उनके गांव की महिलाओं को आजादी और एक नई पहचान मिल सकती है।