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राज्य : गुजरात

जिला : अमरेली

गाँव : वानडालिया

स्वयं सहायता समूह: जय चामुण्डा आजीविका जूट स्वयं सहायता समूह

आजीविका गतिविधियाँ : हस्तनिर्मित आभूषण बनाना

लखपति दीदी की यात्रा

गुजरात के अमरेली जिले के वांडालिया की रहने वाली राधिकाबेन उमेशभाई ने नौ अन्य महिलाओं के साथ 2018 में जय चामुंडा आजीविका जूट स्वयं सहायता समूह की शुरुआत की। हस्तनिर्मित आभूषण बनाने की आय-सृजन यात्रा उनकी सोच और कर्मठता को दर्शाती है। उनका काम उस समय के परंपरागत सोच को तोड़ने का एक उदाहरण है, जब महिलाएं अपने घरों से बाहर काम करके और स्वयं कमाई करके आत्मनिर्भर हो सकती हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है, बल्कि उन्होंने अपने समुदाय को एक नई सोच और अवसरों की दिशा में मोड़ने में भी सहायक हो रही हैं। 

स्वयं सहायता समूह में शामिल होने से पहले, उनका परिवार आर्थिक कठिनाई से जूझ रहा था, साथ ही उनके भाई की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी थीं, जिसका वो इलाज नहीं करा सकती थीं। निर्णायक मोड़ तब आया जब वह स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं और उन्हें ज्वेलरी मार्किंग के बारे में पता चला और इस व्यवसाय से प्रशिक्षित हुईं। उन्होंने खुद को ओडिशा में एक प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए सक्षम बनाया, जहां उन्होंने उल्लेखनीय रूप से 70,000 रुपये के आभूषण बेचे, जिससे विभिन्न राज्य-स्तरीय प्रदर्शनियों में उनकी यात्रा की शुरुआत हुई।

उन्होंने अपने करियर में महत्वपूर्ण मील के पत्थर स्थापित किए और अपने परिवार के लिए घर बनाने की आकांक्षा को पूरा करके सफलता से आगे बढ़ते हुए, बचत में अद्वितीय कुशलता दिखाया। उनकी कहानी उन कई कहानियों में से एक है, जिसे सरस आजीविका मेला जैसे कार्यक्रमों में साकारात्मक रूप से प्रमोट किया गया और सम्मानित किया गया। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में वह देश भर से लगभग 300 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ शामिल हुईं। अपने कुशलतापूर्वक तैयार किए गए उत्पादों का प्रदर्शन किया और अपनी सफलता, सशक्तिकरण और समृद्धि की कहानी बताई ।

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