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राज्य : उत्तराखंड

जिला : उत्तरकाशी

ब्लॉक चिन्यालीसौड़

गाँव सीरा

स्वयं सहायता समूह: काली माता स्वयं सहायता समूह

आजीविका गतिविधियाँ : मुर्गीपालन

लखपति दीदी की यात्रा 

कुछ साल पहले सीमा की स्थिति बहुत कठिन थी। उनके पति देहरादून में मैनेजर थे, लेकिन कोविड-19 के दौरान उनकी नौकरी चली गई, और उन्हें मजबूरन गांव लौटना पड़ा। इस परिस्थिति में परिवार का भरण-पोषण करना उनके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया।

इस बीच, वह काली माता स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं और उन्हें आजीविका की नई गतिविधियों और स्वयं सहायता समूह बैंक लिंकेज कार्यक्रम के बारे में जानने का मौका मिला। वह गांव में आयोजित मुर्गी पालन पर प्रशिक्षण में शामिल हुईं। सीमा देवी ने इस अवसर का लाभ उठाया और पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए बैंक लिंकेज कार्यक्रम के तहत अपने समूह से 2 लाख रुपये का ऋण लिया। वह और उनके पति एक पोल्ट्री फार्म के मालिक हैं, जिसका अब सालाना कारोबार 16 लाख रुपये है।

वह कहती हैं कि जब उनके पति की नौकरी चली गई तो वह बड़ी दुविधा में पड़ गई थीं, लेकिन चूंकि वह समूह की सदस्या थीं और समूह से मिले लोन का इस्तेमाल करके पोल्ट्री फार्म खोल पाईं, जो अब उनकी कमाई का मुख्य जरिया है। उनकी औसत मासिक आय 1.25 लाख से 1.35 लाख रुपये है। उनकी कहानी इस बात का शानदार उदाहरण है कि कैसे एक महिला अपने दृढ़ संकल्प से लखपति दीदी बन सकती है। 

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