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राज्य : त्रिपुरा

जिला : गोमती 

ब्लॉक: माताबरी आरडी ब्लॉक

स्वयं सहायता समूह: लोकनाथ महिला दल

आजीविका गतिविधियाँ : मछली पालन, किराने की दुकान, सुअर पालन और रबर बागीचा

लखपति दीदी की यात्रा

मछुआरों की वंशावली से कृषि सखी की भूमिका तक प्रियंका भौमिक का सफर वास्तव में प्रेरणादायक रहा है। बड़े होकर वह अपने पिता और भाई के साथ प्रतिदिन मछली पकड़ने में मदद करती थी। अपना रास्ता खुद तय करने के लिए दृढ़ संकल्पित, प्रियंका ने अपने मछली पालन और बकरी पालन उद्यम स्थापित करने के लिए दो ऋण लिए जिनमें से प्रत्येक की राशि 25,000 रुपए थी। 

ज्ञान की महत्ता को पहचानते हुए, उन्होंने स्थानीय ब्लॉक द्वारा प्रदान किए गए जैविक कीटनाशकों और उर्वरकों के निर्माण में खास प्रशिक्षण लिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्वयं-सहायता समूह (एस.एच.जी.) से ऋण के माध्यम से एक माल वाहन लेकर अपने व्यवसाय संचालन का विस्तार किया, जिससे उनके पति कटी हुई मछलियों को विभिन्न बाजारों में कुशलतापूर्वक ले जाने में सक्षम हो सके । 

प्रियंका की उद्यमशीलता की भावना उनके व्यक्तिगत उद्यमों से भी आगे है। अपने गाँव के साथी मत्स्यपालक किसानों के लिए वह मछली के बच्चे भी प्रदान कराती थीं। इस बहुआयामी दृष्टिकोण ने न केवल उनके सपने को साकार किया, बल्कि ठोस परिणाम भी दिए, जिसमें उनके बच्चों के लिए शिक्षा, एक स्वस्थ पारिवारिक जीवन सुनिश्चित करना और 25,000 रु. मासिक आय की उल्लेखनीय बढोतरी शामिल है। प्रियंका भौमिक दृढ़ संकल्प, उद्यमशीलता और टिकाऊ कृषि प्रथाओं की परिवर्तनकारी शक्ति के प्रमाण के रूप में खड़ी हैं।

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