सुनयना कार
राज्य : असम
जिला: गोलपारा
ब्लॉक मातिया
गाँव : : दुबापारा
स्वयं सहायता समूह : माँ मोनोशा स्वयं सहायता समूह
आजीविका गतिविधि : सीतल पट्टी
लखपति दीदी की यात्रा
श्री सुरज्यागिरी गांव पंचायत के अंतर्गत दुबापारा गांव की सुनयना कर अपने परिवार के पारंपरिक गन्ना बनाने के व्यवसाय से गहराई से जुड़ी हुई हैं। सशक्तिकरण की ओर उनकी यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने स्वयं सहायता समूह में शामिल होने के लाभों के बारे में जाना।
उन्हें बुनियादी आजीविका प्रशिक्षण मिलने के साथ उन्हें 15,000 रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 50,000 रुपये का सामुदायिक निवेश कोष प्रदान किया गया। उन्होंने इस धन राशि को अपने सीतल पट्टी व्यवसाय में निवेश कर अपने उत्पादों को बढ़ाते हुए पारंपरिक सीतल पट्टी मैट के अलावा टोपी, बैग और हैंडबैग जैसी वस्तुओं को भी शामिल किया। उच्च अधिकारियों ने भी उन्हें प्रशिक्षित किया और अपनी आय बढ़ाने के लिए अपने गन्ना उत्पादों में विविधता लाने की सलाह दी।
50,000 रुपये के बैंक ऋण ने उनके व्यवसाय को बढ़ने में मदद की। इस पैसे से उन्होंने दो सिलाई मशीनें खरीदीं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ गई। हर वित्तीय सहायता के साथ, सुनयना का व्यवसाय और सफल होता गया। अब वह अपने उत्पादों को विभिन्न बाज़ारों में बेचकर हर महीने 12,500 से 13,000 रुपये कमा रही हैं।
शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने अपनी कला को निखारा और परंपरा में नए विचार जोड़े। उनकी कडी मेहनत और रचनात्मकता से उनका व्यवसाय सफल हो गया, जिससे स्थानीय कारीगरों को मदद मिली और सांस्कृतिक विरासत भी बची रही।